कविता कोश के संस्थापक ललित कुमार जी, पेशे से सॉफ्टवेर इंजिनियर व तकनीकी विशेषज्ञ हैं| उन्होंने संयुक राष्ट्र संघ के साथ कार्य करते हुए ५ जुलाई, २००६ को कविता कोश की नीव राखी थी| जीव-विज्ञान, सूचना प्रोद्योगिकी और बायो इन्फोमैटिकस जैसे तकनीकी विषयों में उच्च शिक्षा अर्जित करने के बाद भी उनकी हिन्दी साहित्य और काव्य में रूचि ने उन्हें इस परियोजना का निर्माण करने के लिए बाध्य किया| जी हाँ, बाध्य इसलिए कहूँगी क्यूंकि उन्होंने कविता कोश के निर्माण से पहले कई वेबसाइटस, ब्लोग्स, पुस्तकालय और दुकानों में श्रेष्ठ काव्य पढने के लिए मेहनत की| उनकी हार्दिक अभिलाषा थी कि कोई एक ही वेबसाइट हो जिसमें समस्त श्रेष्ठ रचनायें संग्रहित हों और जब उन्हें यह नहीं मिला तो एक क्रन्तिकारी विचार कि:
जिसका अस्तित्व न हो उसे स्वयं ही अस्तित्व में लाना पड़ता है!
ही कविता कोश कि आधारशिला बना| ललितजी का वेब इंजिनियर होना कविता कोश कि स्थापना, प्रगति और तकनीकी श्रेष्ठता का स्त्रोत है|
ललित कुमार |
ललित जी से मेरी पहचान आज से दो वर्ष पहले, हमारे ऑफिस में ही हुई थी| इसे में अपना सौभाग्य ही मानूंगी कि मुझे उनकी तकनीकी मार्ग्दार्शिता हमारे प्रोजेक्ट के लिए मिली| व्यक्तिगत रूप से वह काफी सुलझे हुए, सरल और सादे इंसान हैं| सकारात्मक सोच, मज़बूत इरादे और कड़ी मेहनत उनके तेज का परिचायक है| कम शब्दों में कहूं तो वह बरसने वाले बदल हैं, जो ढेर सारा ज्ञान जल; अपने आप में समाहित करते हैं और बंजर भूमि ढूँढ कर, उसे तृप्त करते हैं| उनकी ज्ञान वर्षा अब सुदृढ़ परियोजना का रूप ले चुकी है| अभी कुछ ही दिन पहले उनसे मुलाकात हुई तो उनका उपहार देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा| उन्होंने मुझे कविता कोश परियोजना कि पुस्तक हस्ताक्षर सहित भेंट कि| कविता कोश वेबसाइट से तो मैं पहले ही प्रभावित हो चुकी हूँ लेकिन आज मैं आपको कविता कोश कि पुस्तक के बारे में बताना चाहती हूँ|
कविता कोश के संदर्भ में संस्मरणात्मक और निर्देशिका के रूप में यह पुस्तक ललितजी द्वारा लिखित उनके प्रयासों का उद्दगार है| कविता कोश प्रकाशन कि इस पुस्तक का प्रयोजन Sarai/FLOSSinclude ने किया है| परिकल्पना और प्रस्तुति ललित कुमार (कविता कोश) और रविकांत (सराय) कि है| यह कविता कोश कि तरह ही रुचिकर, सुन्दर, सुवय्वस्थित और जानकारी का भंडार है| इसका मुख्य उद्देश्य कविता कोश के संघर्ष, समस्यां व उनके समाधान, विकास, विभिन्न विभागों, योगदान करता व योगदान कि विधि, आंकड़े, भविष्य का प्रारूप और कविता कोश कि विभिन्न कड़ियों के बारे में सविस्तार बताना है|
मेरे पसंदीदा सेक्शन कविता कोश का विकास, इंटरनेट पर हिन्दी और शाशवत काव्य हैं| सच कहों तो यह पुस्तक पढने से पहले मुझे एक परियोजना के प्रारूप और उसके विकास के बारे में कोई भी ज्ञान नहीं था| इस पुस्तक कि सरल भाषा और सूचीबद्ध तरीके से लेखन क कारण ही मुझमें यह जागरूकता आई है| विज्ञान और सूचना प्रोद्योगिकी जैसे विषयों में शिक्षा और पेशे कि वजह से मेरी अधिकतम रूचि विकिया के माध्यम से कविता कोश का गठन और विकास के दौरान आयी समस्याओं वाले अध्याय में है| यह विषय ललितजी के पूरे संघर्ष और समाधानों का निचोड़ हैं|
मुझे इस पुस्तक द्वारा कविता कोश वेबसाइट के वह मुख्य लाभ और आकर्षण पता चले जो हजारों बार साईट देखने के बाद भी कभी ज़हन में नहीं आये, जैसे :
- रचनाकार, पाठक और योगदान-कर्ता का सामान रूप से लाभ
- हिन्दी काव्य, उर्दू, व प्रादेशिक भाषाओँ सहित विदेशी भाषाओँ का काव्य संगह
- मिडियाविकी प्लेटफार्म पर आधारित वेबसाइट
- यूनिकोड आधारित
- तकनीकी रूप से सुध्रिड
- ऑडियो व वीडियो विभाग
- स्वयसेवी एव मुक्क्त परियोजना
यह पुस्तक कविता कोश परियोजना का सविस्तार परिचय और उसका दर्पण है| इसमें पाठकों कि जागरूकता देखते हुए उनके सभी प्रश्नों के उत्तर और कविता कोश में योगदान के तरीके को संतोष-जनक रूप में बताया गया है| इस पुस्तक कि सबसे अनूठी बात मुझे यह लगी कि कविता कोश परियोजना कि स्थापना के पांच वर्ष बाद भी पाठक अपने आप को इसके सफ़र और संघर्ष का हिस्सा महसूस करते हैं और जो इससे अब तक नहीं जुड़ पाए वह सप्रेम कविता कोश में योगदान कि इच्छा रखते हैं|
५ जुलाई, २०११ को कविता कोश ने सफलता के ५ वर्ष पूरे करलिये हैं| मैं अभिलाषा करती हूँ कि भविष्य का कविता कोशऔर भी सुध्रिड एवं उपयोगी बने| कविता कोश टीम सहित ललितजी को इस क्रांतिकारी परियोजना के लिए हार्दिक बधाई!!!
इस संग्रहणीय पुस्तक को जानने के लिए आप कविता कोश प्रकाशन में संपर्क करसकते हैं|
10 comments:
कविता कोष जैसे इंस्टीटयूट का विकास और स्थापना आसान काम नहीं था , ललित कुमार ने जिस प्रकार चुपचाप इस काम को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है उसके लिए हिंदी प्रेमी उनके ऋणी रहेंगे !
हिंदी विकास में इस कदम का नाम, आदर से लिया जाएगा !
ललित कुमार का परिचय कराने के लिए आभार !
बधाई!!.. ललित जी एक प्रेरक व्यक्तिव हैं, कम से कम उन लोगों के लिए जो स्वयं सेवी परियोजना के तौर पर कुछ संभव करना चाह रहे हैं..ललित जी के साथ यह एक बहुत मानी खेज सच्चाई रही की ``ललितजी का वेब इंजिनियर होना कविता कोश कि स्थापना, प्रगति और तकनीकी श्रेष्ठता का स्त्रोत है'', इसे मैं दो रूपों में देखता हूँ-१-तकनीकी विद्यार्थी होने के साथ मानविकी का यह ललित-प्रेम बहुतों का प्रेरक बने! -२- जो मानविकी के हैं वे तकनीकी संभावनाओं की तरफ देखना आरम्भ करें! कम-से-कम मुझ जैसे देशभाषा (अवधी) के लिए प्रयत्न चाहने वाले के लिए एक माडल मिलने जैसा है यह ललित जी का कार्य! ..आपने लिखा है, उपयोगी लिखा है, मनोयोग से लिखा है, प्रासंगिक(रेलीवेंट) लिखा है, यह भी सराहनीय है की ऐसे आयोजनों को नयी पीढ़ी समझ भी रही है, प्रोत्साहित भी कर रही है!..किताब पर आप द्वारा दी गयी जानकारी लोगों तक पहुंचे, लोग लाभान्वित हों, जागरुक हों, यह आवश्यक है..इस दृष्टि से आपकी पोस्ट का महत्व स्वयं-सिद्ध है! ..मोहलत पा मैं भी कुछ लिखूंगा! आभार!!
बधाई!!!
Congts...
हिंदी विकास में इस कदम का नाम, आदर से लिया जाएगा !बधाई!!
ललित कुमार का परिचय कराने के लिए आभार !
AAPKE IS BHAAGIRATHEE PRAYAS KE LIYE AAPKO KOTI KOTI BAR PRANAM.
कविता कोष सच में बहुत सुंदर है, और इतिहास में अमर रहेगा,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
कवित कोश और ललितजी के बारे में विस्तार से जानना अच्छा लगा..बहुत पहले से ही हम कविता कोश को अंर्तजाल का पुस्तकालय कहते आए हैं...खासकर विदेश में हिन्दी पढ़ाने वालों के लिए तो वरदान है..
जी मीनाक्षीजी,
कविता कोश अमूल्य तोहफा है ललितजी और उनकी टीम की ओर से, परन्तु आज कल जो भी उसे लेकर चलरह है... दुःख होता है की इतनी फैन फोल्लोविंग होने के बावजूद उसके चाहने वाले और लाभान्वित होने वाले ललित जी का खुल कर साथ नहीं दे पा रहे|
कविता कोश हमेशा सबकी पसंद था और रहेगा!!!
आभार!
ललितजी के बारे में विस्तार से जानना अच्छा लगा.
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