कल शाम मेरी अज़ीज़ ने मुझे एक रचना मेल की, बाकि कुछ नहीं कहा उसने... सिर्फ लिखा था "कविता पढो ज़रा" :] मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि उसके बाकि गुणों में से एक कविता लेखन भी है| जैसे-जैसे पढ़ती गयी, मेरी मुस्कान उसके आसुओं से सिकुड़ती जा रही थी, कुछ वक़्त पहले उसने कुछ दर्द बँटा तो था, पर जैसे की उसकी फितरत है, वह सिर्फ और सिर्फ खनखनाती हुई अपनी हंसी बाँटती है बाकि बचे अपने ग़म, अपने ही आँचल में बाँधे रहती है|
दोस्तों आज की यह पोस्ट मेरी प्रिय मित्र "ऋचा" ने लिखी है, उसके द्वारा लिखी यह पहली पोस्ट है|
हिचकियों से एक बात का पता चलता है,
कि कोई हमें याद तो करता है, बात न करे तो क्या हुआ,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है
ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती, हर बात समझाने के लिए नही होती,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है
ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती, हर बात समझाने के लिए नही होती,
याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,
मिलन न सही जुदाई तो मिलती है,
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कहो यहाँ ही आया न करे
नींद आती ही नही , रात गुज़र जाती है !
उम्र की राह मे ,रस्ते भी बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में, इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं कि तुम्हें याद इतना भी न करें,
याद ऐसी, कि सारी रात गुजर जाती है !
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं कभी कभी दिल उदास होता है
हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है छलकती है मेरी भी आँखों से नमी
जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है|
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कहो यहाँ ही आया न करे
नींद आती ही नही , रात गुज़र जाती है !
उम्र की राह मे ,रस्ते भी बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में, इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं कि तुम्हें याद इतना भी न करें,
याद ऐसी, कि सारी रात गुजर जाती है !
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं कभी कभी दिल उदास होता है
हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है छलकती है मेरी भी आँखों से नमी
जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है|
23 comments:
बहुत खूब ....भाव मई रचना ! शुभकामनायें !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना... दिल को छू गई!
अतिसुन्दर रचना। आभार
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है
खूबसूरत बहुत खूबसूरत,
अहसास से भरी हुयी
बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना... दिल को छू गई!
मुस्कुराओ तुम, उससे बेहतर और मिलेंगे
हर बात, तुम्हारी हर अदा पर गौर करेंगे
बहुत सुंदर ढ़ंग से अहसासों को पिरोकर प्रस्तुत किया है कविता में।
सुन्दर रचना।
सीधी सच्ची बात दिल की । भावपूर्ण ।
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति,बधाई....
..अच्छी पंक्तियाँ, अच्छे भाव ।
I love him , I miss him , I remember him the way you have narrated in this creation. Love is a feeling , it cannot be expressed in words or actions. It is beyond everything.
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है
बहुत बढ़िया ...अच्छी लगी कविता ....ऋचा को बधाई
bahut acchi rachna...kuch panktiyan to behareen, maslan...
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है aur
याद ऐसी, कि सारी रात गुजर जाती है !
padhte padhte aankhein nahi thakti,
par diye bujh jaate aur raat guzar jaati hai...
wah wah...bahut achha
ऋचा जी की कविता अच्छी है,उन्हें पढ़वाने के लिए आभार.ऋचा जी को बधाई.
गहरे अहसासों का एक कोलाज लगी कविता
याद तो अक्सर आती है आप की,(यहाँ उनकी लिख कर तो देखें !)
सोचते हैं कि तुम्हें याद इतना भी न करें,(उन्हें याद करें )
बधाई ऋचा को आभार आपको
कविता में द्वैत का प्रयोग कर विरोधाभास द्वारा की गयी भावाभिव्यक्ति बहुत ही आकर्षक है।
@ कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास बुझती नही, बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कहो यहाँ ही आया न करे
नींद आती ही नही , रात गुज़र जाती है !
-- यह लय तो बहुत सधी हुई है, ये इस बात का प्रमाण है कि वे और भी कविताएँ लिखती हैं/होंगी।
सुन्दर। आभार..!
ऐसी मर्मस्पर्शी कविताएँ बहुत कम प।धने को निलती हैं , लगता है जैसे पूरा अस्तित्व ही कविता में घोल दिया हो ।
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