दोस्तों, हमारी ज़िन्दगी में हम कई रिश्तों को एक साथ जीते हैं... माँ और बेटी का रिश्ता, पिता और उनके ना होने पर भी उन्हें जीने का रिश्ता| दादी का दुलार, दादा की उँगलियों के बीच अपने आपको सबसे सुरक्षित महसूस करने का रिश्ता| चाचा और बुआ का मुझे गोद मैं उठाने के लिए अपने सब अज़ीज़ दोस्तों से झगड़ने का रिश्ता| चाची का कोमल स्नेह और फूफाजी जी के ढ़ेर सरे तोहफों के बीच अपने आप को अनमोल महसूस करने का रिश्ता| नानी के ढेर सरे पकवान और नाना जी के गणित में डूबे सवालों का रिश्ता| अपने तेराह भाईओं के बीच राजकुमारी सा महसूस करने का रिश्ता| अपने बहनों के बीच आदर्श व्यक्तित्व महसूस करने का रिश्ता| अपनी ज़िन्दगी के प्यार और उसे पाने का रिश्ता| शादी के अमिट बंधन में अपनी आत्मा को जोड़ने का रिश्ता... पर इन सभी रिश्तों को जीने के लिए हम सभी अपनी-अपनी इच्छायें और भावों को दफ़न कर देतें हैं, और फिर अपनी आत्मा से कहतें हैं...
ज़िन्दगी के तूफानों में, दफ़न हैं राज़ कई,
कुछ तेरे- कुछ मेरे...
कामयाबी के रास्तों के हैं आगाज़ कई,
कुछ तेरे- कुछ मेरे...
रुसवाइओं के पेड़ से झड़ने लगे हैं पत्ते कई,
कुछ तेरे- कुछ मेरे...
हवाओं में तैरते हैं, खुशबों के रंग कई,
कुछ तेरे- कुछ मेरे...
आसमान चीर कर, यह ज़मीं हुई है गीली... बिखरे हुए हैं अरमान कई,
कुछ तेरे- कुछ मेरे...
क्या वाकई में, हमारे लिए यह रिश्ते इतने लाज़मी हैं?
हाँ... यह सभी हमें इंसान बनाते हैं, ज़िन्दगी का एहसास करते हैं| कभी मीठी यादें बनाते हैं, कभी ज़हर के घूँट बन जाते हैं| रिश्ते ही हैं, जो ज़िन्दगी के पन्नों को पलटने के लिए हाथ बन जाते हैं, उस किताब में लिखा हुआ हर लफ्ज़ अपने ज़ेहन में उतरने के लिए आखें भी दे जाते हैं| ज़िन्दगी को कभी महसूस किया है आपने... कैसे वोह हमारे जन्म के साथ ही पैदा होती है और कैसे मौत के सिरहाने बैठते ही, अपना आँचल समेटने लगती है| इंसान गुनगुनाता हुआ, मुस्कुराता हुआ, आंखें पोंछ कर गा रहा है कुछ इस तरह...
होश न रहा, ढूँढता ही फिरा,
ऐ-ज़िन्दगी, तुझे पूजता ही रहा,
कतरा-कतरा बहती तू,
तुझे, तुझसे बटोरता ही रहा,
फूलों सी जन्मी थी तू,
मेरी आत्मा का बिम्ब लिए,
हर क्षण अपनी माँ की आँखों में,
तुझे देखता ही रहा...
रिश्ते, चाहे बने बनायें मिले हों, या हमारे अपने प्यार की सलोनी सौगात हों... हमेशा हमें जिंदा रहने का और इस खूबसूरत ज़िन्दगी को जी-भरके जीने का मार्ग दिखाते हैं| अपने रिश्तों हो सहेज कर रखिये दोस्तों, यह सभी अनमोल हैं...